लिखो तो चाँद कह देना ....
पढ़ो तो शाम कह देना ....
मुझे तुम दिल के किसी कोने में दबा अरमान कह देना ....
कोई तितली जो लगे अच्छी ....तो तुम ऐसा कुछ करना .....
मुझे उस तितली के बदन का तुम श्रृंगार कह देना ......
कोई गलती जो हो जाए ....तो इल्ज़ाम ना लेना .........
मुझे उन सारी बातों का.. तुम गुनहगार कह देना....
मौत का है क्या ... वो तो आएगी एक दिन .....
बस उसके आने से पहले .....मुझे तुम जान कह देना .....
हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.....
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा सलाम करता चलूं
http://www.samwaadghar.blogspot.com/
कम लिखो अच्छा लिखो ।
ReplyDeleteअच्छा लिखा ।
शुभकामनाएं ।
titali ke shringar ki kya mohak kalpana hai.
ReplyDeletejiyo raaja !
ReplyDeletekhoob kahi........
marne ke pahle jan kahdena..
bahut umdaa !
keep it up !
narayan narayan
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग लेखन के लिए स्वागत और शुभकामनायें
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें तथा अपने सुन्दर
विचारों से उत्साहवर्धन करें
very nice.. i like this one too..damm hai yyar teri shayari mein... :)
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